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जेपी एसोसिएट्स ने मांगी संपत्ति बेचने की अनुमति
By Deshwani | Publish Date: 13/10/2017 1:26:02 PM
जेपी एसोसिएट्स ने मांगी संपत्ति बेचने की अनुमति

नई दिल्ली, (हि.स.)। जेपी एसोसिएट्स ने आज सुप्रीम कोर्ट से दो हजार करोड़ रुपये जमा करने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे की अपनी संपत्ति दूसरी कंपनी को बेचने की अनुमति देने की मांग की। जेपी एसोसिएट्स ने कोर्ट से कहा कि उसने दूसरी कंपनी को वो संपत्ति 2500 करोड़ में बेचने का फैसला किया है। इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने जेपी एसोसिएट्स की इस अर्जी पर 23 अक्टूबर को सुनवाई करने का फैसला किया।

 
सुप्रीम कोर्ट जेपी एसोसिएट्स को पहले ही आदेश दे चुकी है कि पहले वे दो हजार करोड़ रुपये जमा करें। कोर्ट ने कहा था कि वे इस आदेश में कोई बदलाव नहीं करेंगे और न ही इस आदेश में बदलाव के लिए कोई अर्जी स्वीकार करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जेपी एसोसिएट्स फ्लैट खरीददारों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकता है। 
 
पिछले 18 सितंबर को जेपी समूह के करीब चार सौ फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया और मांग की कि उपभोक्ता कानून के तहत उन्हें सुरक्षा प्रदान दी जाए। इन फ्लैट खरीददारों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की कि जेपी एसोसिएट्स की संपत्ति को जेपीइंफ्राटेक को ट्रांसफर किए जाने के मामले की जांच की जाए।
 
पिछले 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने के एनसीएलटी के इलाहाबाद बेंच के फैसले पर अपने आदेश में संशोधन करते समय जेपी समूह को निर्देश दिया था कि वो 27 अक्टूबर तक दो हजार करोड़ रुपये जमा करे। कोर्ट ने कहा था कि जेपी ग्रुप का प्रबंध निदेशक और कोई भी निदेशक बिना कोर्ट की पूर्व अनुमति के विदेश नहीं जा सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी के इलाहाबाद बेंच के दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने को हरी झंडी दे दी। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को चलानेवाले इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को निर्देश दिया था कि वे 45 दिनों के अंदर पूरी योजना बताएं।
 
पिछले 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह को निर्देश दिया है कि वो कैलिप्सो प्रोजेक्ट के दस फ्लैट खरीददारों को देर से कब्जा देने की वजह से पांच लाख रुपए का मुआवजा दे। कोर्ट ने कहा था कि यह अंतरिम मुआवजा है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट धारकों को अपना फ्लैट बेचने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा थी कि इससे असली फ्लैट खरीददारों को मदद मिलेगी।
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