शिमला, (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिलेे के पधर क्षेत्र में मंडी-पठानकोट नेशनल हाइवे पर हुए भूस्खलन में जान-माल की भारी तबाही हुई है। बीती रात कोटरोपी नामक स्थान पर पहाड़ी से मलवा गिरने से हाईवे का 200 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया और राज्य पथ परिवहन निगम की दो बसों समेत अन्य कुछ वाहन इस मलवे की चपेट में आ गए।
मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए आर्मी व एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। पालमपुर से 9 ग्रेडेनियर आर्मी के जहां 120 जवान घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। घटना में अब तक आठ शव बरामद किए गए हैं और कई लोगों के दफन होने की आशंका है। प्रशासन व पुलिस के अतिरिक्त एनडीआरएफ औऱ सेना के जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी कुछ ही देर में कोटरोपी पहुंचने वाले हैं।
परिवहन मंत्री जीएस बाली ने बताया कि निगम की एक बस चम्बा से मनाली ओर दूसरी बस मनाली से कटड़ा जा रही थी। इस वॉल्वो बस में करीब नौ लोग सवार थे। उन्होंने कहा कि रात करीब एक बजे उन्हें घटना की सूचना मिली जिसके बाद मंडी जिला प्रशासन से सम्पर्क किया गया। इस बीच मनाली जा रही निगम की एक बस मलबे में एक किलोमीटर नीचे बह गई, बचाब दल बस तक पहुंचने की कोशिश में लगा हुआ है। इस बस में चम्बा से मनाली के लिए 10 और पठानकोट से मनाली के लिए 11 सवारियां बैठी थीं। पहाड़ी से मलवा गिरने की घटना में एक बाइक व अन्य कुछ वाहन औऱ 4 मकानों भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मंडी के उपायुक्त संदीप कदम ने बताया कि आठ मृतकों में से 2 कई शिनाख्त कर ली गई है। इनमें जोगिन्दरनगर की 22 वर्षीय सरूचि ठाकुर और सरकाघाट की 20 वर्षीय नेहा शामिल हैं। 15 घायलों को मंडी के जोनल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से परिवहन निगम की एक बस गहरी खाई में बह गई है और इस बस में सफर कर रहे यात्रियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। ये बस चम्बा से मनाली की तरफ जा रही थी।
उपायुक्त के मुताबिक यह भयानक हादसा बीती रात एक बजे के आसपास हुआ और सूचना मिलते ही प्रशासन के राहत दलों ने घटनास्थल पर पहुंच कर राहत-बचाव कार्य शुरू किया। पालमपुर से आई एनडीआरएफ की टीम भी राहत कार्य मे डटी हुई है। उन्होंने कहा कि इस हादसे को लेकर प्रशासन ओर परिवहन निगम ने मंडी में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
उपायुक्त ने कहा कि भूस्खलन के चलते मंडी से ओट तक हाइवे बन्द कर दिया गया है और यातायात को वैकल्पिक मार्ग से चलाया जा रहा है। इस बीच घटनास्थल का जायज़ा लेने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह शिमला से सड़क मार्ग से मण्डु के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने इस भयावह घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है।
इस मानसून सीज़न के दौरान प्रदेश में अब तक 180 मौतें हो चुकी हैं। इस दौरान 350 करोड़ की सम्पति का नुकसान हुआ है।