नई दिल्ली, (हि.स.)। देश के 14 वें राष्ट्रपति पद के लिए जारी मतगणना समाप्त हो चुकी है। एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद देश के अगले राष्ट्रपति होंगे। रामनाथ कोविंद ने एकतरफा रायसीना की जंग जीत ली है। रामनाथ कोविंद को 65.65 फीसदी वोट मिले हैं। वहीं विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार को 35.34 फीसदी वोट ही मिले हैं। रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति होंगे।
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के परौख गांव में जन्मे रामनाथ कोविंद अब देश के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। कोविंद 25 जुलाई को पदभार ग्रहण करेंगे। वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
निर्वाचन अधिकारी अनूप मिश्रा ने परिणाम जारी कर जानकारी दी। रामनाथ कोविंद को कुल 702044 वहीं विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को 367314 वोट मिले।
गोवा में कोविंद को 25, मीरा को 11 वोट मिले जबकि हिमाचल प्रदेश में कोविंद को 13 और मीरा को 37 वोट मिले हैं। जम्मू-कश्मीर में कोविंद को 56, मीरा को 30 वोट मिले हैं।
संसद सदस्यों के वोटों में रामनाथ कोविंद को 552 सांसदों ने वोट दिया। वहीं मीरा कुमार को 225 सांसदों ने वोट दिया है।
अरुणाचल प्रदेश में कोविंद को 448 और मीरा कुमार को 24 वोट मिले हैं। बिहार से कोविंद को 22,290 और मीरा कुमार को 18,800 वोट मिले। वहीं असम में कोविंद को 10556 और मीरा कुमार को 4060 वोट मिले हैं। गुजरात में कोविंद 132, मीरा कुमार 49 वोट मिले। हरियाणा में रामनाथ कोविंद 73, मीरा कुमार 16 वोट मिले। हिमाचल प्रदेश में रामनाथ कोविंद 13, मीरा कुमार 37 वोट मिले। जम्मू-कश्मीर में रामनाथ कोविंद 56, मीरा कुमार 30 वोट मिले।
झारखंड में रामनाथ कोविंद 51, मीरा कुमार 26 वोट मिले। आंध्र प्रदेश में रामनाथ कोविंद 27,189 वोट मीरा कुमार 0 वोट मिले। रामनाथ कोविंद ने रायसीना की जंग जीती, देश के 14 वें राष्ट्रपति बने कोविंद।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के लिए चुने जाने पर रामनाथ कोविंद को दी बधाई। मीरा कुमार को भी लोकतंत्र के तहत किए गए प्रयास के लिए बधाई दी।
देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति बने रामनाथ कोबिंद
रामनाथ कोविंद के रूप में देश को 14वां राष्ट्रपति मिल गया। उन्होंने विपक्ष की साझा उम्मीदवार मीरा कुमार को सीधे मुकाबले में पराजित किया है। कोविंद को 7,02,044 मत मिले हैं जबकि मीरा कुमार को 3,67,314 मत मिले।
कोविंद देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वह देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति बन गए हैं। उनसे पहले केआर नारायणन पहले दलित राष्ट्रपति बने थे।
राम नाथ कोविन्द का जन्म 1 अक्टूबर 1945 उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख के गरीब परिवार में में हुआ था। उनेक पिता परचून की दुकान चलाते थे। कोविन्द का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर नियुक्ति हुई। वर्ष 1991 में वह भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गये। वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। कोविंद वर्ष 2000 में पुनः उत्तर प्रदेश राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 वर्ष तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे।
वह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज के भी अध्यक्ष रहे। वर्ष 1986 में दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे। कोविंद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। परौंख गांव में कोविंद अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। बड़े भाई प्यारेलाल व छोटे स्वर्गीय शिवबालक राम हैं।