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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर में ज़िला सुशासन सूचकांक की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की
By Deshwani | Publish Date: 22/1/2022 9:19:54 PM
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर में ज़िला सुशासन सूचकांक की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की

दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज जम्मू कश्मीर में ज़िला सुशासन सूचकांक (District Good Governance Index-DGGI) की वर्चुअल माध्यम से शुरुआत की।इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्यालयऔर कार्मिक, लोक शिकायतएवंपेंशन राज्य मंत्रीडॉ जितेंद्र सिंह और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।




इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज का दिन सिर्फ़ जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज जो नई शुरूआत जम्मू-कश्मीर ने की है वो देश के हर राज्य में जाएगी और फिर देश के हर ज़िले में सुशासन की एक स्वस्थ स्पर्धा शुरू होगी। सुशासन को अगर सच्चे अर्थों में ज़मीनी स्तर तक पहुंचाना है, इसके लिए ज़िला एक महत्वपूर्ण इकाई है और जब तक ज़िले में सुशासन नहीं होता है तब तक इसके कोई मायने नहीं हैं।



श्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एलजी श्री मनोज सिन्हा जी जिस प्रकार से सरकार चला रहे हैं उससेनए भारत की परिकल्पना के अनुरूप बहुत बड़ा परिवर्तन जम्मू-कश्मीर में देखने को मिला है। ये सुशासन इन्डेक्स के ज़रिए ज़िलों के बीच जो स्पर्धा होगी इससे बहुत बड़ा फ़ायदा जम्मू-कश्मीर की आम जनता को होगा। केन्द्र और राज्य सरकार की नीतियां, योजनाएं और कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग को इस इन्डेक्स में समाहित किया गया है। इसके आधार पर जब सभी ज़िलों में स्पर्धा होगी तब सेवाओं का स्तर भी सुधरेगा और इससे जम्मू-कश्मीर में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा।श्री शाह ने कहा कि मोदी जी द्वारा गुड गवर्नेंस इन्डेक्स की शुरूआत करने के बाद राज्यों के बीच एक स्वस्थ स्पर्धा शुरू हुई थी और आज जम्मू-कश्मीर ज़िला गुड गवर्नेंस इन्डेक्स, जो गवर्नेंस इन्डेक्स-2021 पर आधारित है, इसके साथ ही अब देशभर के ज़िलों के बीच भी लोकाभिमुख सुशासन देने की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होगी।



केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ये इन्डेक्स ज़िलों की रैंकिंग और तुलनात्मक तस्वीर भी पेश करेगा जिससे ज़िले के काम का मूल्यांकन करते समय ये पता होगा कि ज़िले में किस क्षेत्र में ज़्यादा सुधार की ज़रूरत है। ज़िला गुल गवर्नेंस इन्डेक्स द्वारा किया गया मूल्यांकन बुनियादी ढांचे को भी सुधारने के लिए एक अच्छा मानक तय करेगा। जम्मू-कश्मीर ज़िला सुशासन सूचकांक में 116 डेटा आइटम के साथ शासन के 10 क्षेत्र और 58 सूचकांक लिए गए हैं, जिनमें, कृषि सेवाएं, वाणिज्य और उद्योग, मानव संसाधन, पर्यावरण, न्याय और सार्वजनिक सुरक्षा, सामाजिक कल्याण और विकास शामिल हैं।





श्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में वर्ष 2019 में मोदी जी के नेतृत्व में एक बहुत बड़ा परिवर्तन शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि जिस कश्मीर में केवल 87 विधायक, छह सांसद और तीन परिवार ही सत्ता की हिस्सेदारी में होते थे, वहां आज ग्रामस्तर से लेकर राज्य तक 30 हज़ार से अधिक जनता के नुमाइंदे जनता की सेवा कर रहे हैं। पंचायत एक्ट के इम्प्लीमेंटेशन के परिणाम आने वाले एक दशक में कश्मीर की जनता के सामने होंगे। जम्मू-कश्मीर की आवाम के30 हज़ार राजनीतिक प्रतिनिधि कश्मीर ज़िला सूचकांक के 116 डेटा आइटम और 58 सूचकांक इन्डेक्स के साथ कश्मीर का विकास सुनिश्चित करेंगे।






केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां आहत हैं क्योंकि उनके परिवार की गिरफ़्त में निकलकर जम्मू-कश्मीर में पंचायतीराज आया है। ऐसे लोग कहते हैं जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद यहां क़ानून व्यवस्था बिगड़ी है। मैं इन लोगों को बताना चाहता हूं कि अप्रैल, 2017 से 2019 और 2019 से 2021 के काल का अगर तुलनातत्मक अध्य्यन करें तो आतंकवादी घटनाओं में 40 प्रतिशत की और मृत्यु में 57 प्रतिशत की कमी हुई है। ये बताता है कि शांति का नए सुधारों के साथ नहीं बल्कि प्रशासन के साथ मतलब है। जब जनता को अच्छा प्रशासन मिलता है तो वो अपने आप विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदार बन जाती है। श्री शाह ने उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत सरकार की सभी योजनाओं में आज जम्मू-कश्मीर एक से पांच स्थान पर है। चाहे विधवा सहायता योजना हो, चाहे वज़ीफ़े पहुंचाने हों, चाहे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को पूरे जम्मू-कश्मीर में लागू करना हो, रसोई गैस पहुंचानी हो, बिजली पहुचानी हो, शौचालय पहुंचाना हो, शत प्रतिशत टीकाकरण करना हो, कोविड के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता करनी हो या प्लांट लगाने हों– हर क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर ने दो साल में लाभार्थियों को सीधा लाभ पहुंचाने का प्रयास किया है। स्वाभाविक है बिचौलिए इससे नाराज़ होंगे, लेकिन हमें उनकी नाराज़गी का कोई डर नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का स्पष्ट उद्देश्य है कि जम्मू-कश्मीर की जनता को भ्रष्टाचार-रहित शासन मिले, उन्हें अपने वज़ीफ़े के लिए किसी को कुछ देना ना पड़े, उन्हें अपनी योजनाओं के फ़ायदे के लिए किसी बिचौलिए की ज़रूरत ना पड़े। आज जम्मू-कश्मीर के सभी किसानों को 6 हज़ार रूपये सीधे उनके बैंक खाते में मिल रहे हैं। जो लोग सवाल उठाते हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इतने सालों तक तीन परिवारों ने शासन किया है, तो ये सब क्यों नहीं हुआ। अगर आप ये सब नहीं कर सके, तो फिर से जम्मू-कश्मीर की जनता को गुमराह करने का क्या मतलब है।
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