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नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को एक गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है : प्रधानमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 26/2/2021 9:55:11 PM
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को एक गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है : प्रधानमंत्री

दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से जम्मू एवं कश्मीर के गुलमर्ग में शुक्रवार को दूसरे खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों काउद्घाटन करके स्पोर्ट्स मीट का भव्य शुभारंभकिया।इस समारोह के दौरान, गुलमर्ग के गोल्फ क्लब में केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपालश्री मनोज सिन्हा और अन्य गणमान्य लोगों के साथ उपस्थित थे। इस वार्षिक कार्यक्रम, जिसकी शुरुआत पिछले साल लद्दाख और जम्मू-कश्मीर से हुई, का आयोजन जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल और जम्मू एवं कश्मीर के विंटर गेम्स एसोसिएशन द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तत्वावधान में किया गया। यह स्पोर्ट्स मीट 2 मार्च तक चलेगी।





प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दूसरे खेलो इंडिया राष्‍ट्रीय शीतकालीन खेलों के अवसर पर अपना संबोधन दिया।इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया-शीतकालीन खेल का दूसरा संस्करण आज से शुरू हो रहा है। शीतकालीन खेलों में भारत की प्रभावी उपस्थिति के साथ यह जम्मू-कश्मीर को खेलों का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर और देश भर के सभी खिलाड़ियों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से आने वाले खिलाडि़यों की संख्‍या इन शीतकालीन खेलों में दोगुनी हो गई है, जो शीतकालीन खेलों के प्रति बढ़ते उत्साह को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि इन शीतकालीन खेलों के अनुभव से खिलाड़ियों को शीतकालीन ओलंपिक में भाग लेने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में शीतकालीन खेल एक नए खेल इकोसिस्टम को विकसित करने में मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन जम्मू एवं कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में नये उत्‍साह का संचार करेगा। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में दुनियाभर के देश अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं।




प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल वैश्विक आयाम रखते हैं और यह दृष्टिकोण खेल इकोसिस्टम में किये गए हाल के सुधारों का मार्गदर्शन करता है। यह खेलो इंडिया अभियान सेओलंपिक पोडियम स्टेडियम तक का एक समग्र दृष्टिकोण है। खेल पेशेवरों द्वारा उच्चतम वैश्विक मंच तक लाने के लिए जमीनी स्‍तर पर प्रतिभाओं की पहचान की जा रही है। प्रतिभा पहचान से लेकर टीम चयन तक पारदर्शिता सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों की गरिमा और उनके योगदान की मान्यता सुनिश्चित की जा रही है।



प्रधानमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि खेल, जिन्‍हें पहले पाठ्येतर गतिविधि माना जाता था, अब इन्‍हें पाठ्यक्रम के अंग के रूप में शामिल किया जा रहा है और खेलों में प्राप्‍त होने वाले अंकों को बच्चों की शिक्षा के साथ जोड़ा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों के लिए उच्च शिक्षा संस्थान और खेल विश्‍वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। उन्होंने खेल विज्ञान और खेल प्रबंधन को स्कूली स्तर तक ले जाने पर जोर दिया, क्योंकि इससे युवाओं के करियर की संभावनाओं में सुधार होगा और खेल अर्थव्यवस्था में भारत की उपस्थिति बढ़ेगी। श्री मोदी ने युवा खिलाड़ियों को यह याद रखने को कहा कि वे आत्‍मनिर्भर भारत के ब्रांड एंबेसडर हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि विश्व, भारत का खेल क्षेत्र में उसके प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन करता है।



इस अवसर पर केन्द्रीय खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने जम्मू एवं कश्मीर में खेल संबंधी इकोसिस्टम को और विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा “हमने घोषणा की थी कि हम यहां अत्याधुनिक शीतकालीन खेल अकादमी बनाएंगे। अब, हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्ल्ड स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट को जल्द ही यहां खोलने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है। निधि पहले ही आवंटित की जा चुकी है।”
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