झारखंड
मातृभाषा का मजाक उड़ा रही है झारखंड सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट
By Deshwani | Publish Date: 20/9/2017 6:41:37 PMरांची। झारखंड सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट अगर आप जानकारी के लिए खोल रहे हैं, तो इसे खोलते ही आप अपना माथा पीट लेंगे। वेबसाइट को 13 अप्रैल 2016 के बाद से अब तक अपडेट नहीं किया गया है। वेबसाइट में जिस तरह की हिंदी का उपयोग किया गया है, उससे स्पष्ट है कि कृषि विभाग वेबसाइट पर सूचना देने के मामले में पूरी तरह लापरवाह है।
केंद्र और राज्य सरकार डिजिटल इंडिया का नारा बुलंद कर रही है। झारखंड सरकार भी दावा करती है कि कई सरकारी काम वेबसाइट के माध्यम से आसानी से किये जा रहे हैं। राज्य की लगभग 80 फीसद आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके बावजूद विभागीय वेबसाइट पर हिंदी के प्रयोग में घोर लापरवाही विभाग की गंभीरता बयां कर रही हैं कि वह डिजिटल क्रांति के इस दौर में कहां खड़ा है। कृषि विभाग की वेबसाइट में कई शब्दों में अंग्रेजी का उपयोग किया गया है। आप इसे पढ़ेंगे, तो आसानी से अंदाजा लगा लेंगे कि इसे अंग्रेजी से हिंदी में ट्रांसलेट करने की कोशिश की गयी है।
वेबसाइट पर अपलोड करने से पहले ना तो शब्दों को पढ़ा गया, ना ही इसकी भाषा सुधारी गयी और ना ही वाक्य विन्यास पर काम हुआ। भारत में प्रत्येक साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है और विभिन्न सरकारी विभागों में पूरे सप्ताह तक हिन्दी में काम करने और भाषा को प्रचारित करने पर जोर दिया जाता है। कृषि विभाग, झारखंड की वेबसाइट को देखकर लगता है जैसे विभाग मातृभाषा के साथ मजाक कर रहा है। कुछ ऐसी भी पंक्तियां हैं, जिसे समझना ही मुश्किल है, जैसे (कृषि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी के लिए मुख्य रहना है, कृषि उनके रोजगार और प्राथमिक सृजन आय गतिविधि है), इसी प्रकार प्रस्तावना में कई गलतियां की गयी हैं।