अंतरराष्ट्रीय
30 साल बाद पाक की जेल से सुरजीत रिहा, वाघा सीमा पर परिवार से हुई मुलाकात
By Deshwani | Publish Date: 13/8/2018 11:45:51 AMनई दिल्ली। आजादी किसे अच्छी नहीं लगती ‘चाहे पिंजड़े बंद पक्षी हो या रस्सी से बंधा पशु’आजादी सभी को अच्छी लगती है। वतन की मिट्टी की खुशबू पाने के लिए सभी इंतजार करते रहते हैं। इसी कड़ी में आज पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में तीन दशकों से बंद भारतीय कैदी सुरजीत सिंह की रिहाई हो गई है। वह वतन वापसी के लिए पाकिस्तान में वाघा सीमा पर पहुंच गए हैं। यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा सभी औपचारिकताएं पूरी किए जाने के बाद सुरजीत भारत लौटेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें दो-तीन घंटे का समय लग सकता है।
उन्हें पुलिस की एक गाड़ी में पाकिस्तान की सीमा में आने वाले वाघा इलाके में ले आया गया है। सुरजीत के बेटे कुलविंदर सिंह सहित उनका पूरा परिवार दोनों देशों की संयुक्त सीमा चौकी के अटारी क्षेत्र में उनका इंतजार कर रहा है। पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों व ग्रामीणों के साथ आज तड़के यहां पहुंचे कुलविंदर सिंह ने कहा कि हम खुश हैं कि अंतत: उन्हें रिहा कर दिया गया। हम जश्न मनाएंगे। अटारी अमृतसर से 30 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां भारतीय पक्ष की सीमा चौकी है।
पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा बुधवार को कराची जेल से रिहा किए गए 311 भारतीय मछुआरों को भी स्वदेश लौटने की इजाजत देने की सम्भावना है। इनमें से ज्यादातर मछुआरे गुजरात से हैं। ये मछुआरे कुछ महीनों से लेकर तीन साल तक की अवधि से पाकिस्तान की हिरासत में हैं। इन्हें गुजरात के जल में पाकिस्तान की क्षेत्रीय जल सीमा के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
69 वर्षीय सुरजीत ने गिरफ्तारी के बाद से 30 साल से ज्यादा समय पाकिस्तानी जेल में बिताया है। उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2005 में उनकी उम्रकैद की सजा पूरी हो गई थी।
फिरोजपुर जिले में स्थित सुरजीत के फिड्डे गांव में उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सुरजीत की बहु ने कहा कि हम सभी उनका स्वागत करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम चाहते हैं कि वह यहां बहुत सहज महसूस करें।