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दरभंगा
हनुमाननगर अंचल में बाढ़ सहायतार्थ सिर्फ कागजी घोड़ा, कुछ पंचायत में न-तो नाव चल रही व न-ही पूर्णतः प्लास्टिक शीट की वितरण
By Deshwani | Publish Date: 30/7/2019 10:43:47 PM
हनुमाननगर अंचल में बाढ़ सहायतार्थ सिर्फ कागजी घोड़ा, कुछ पंचायत में न-तो नाव चल रही व न-ही पूर्णतः प्लास्टिक शीट की वितरण

 दरभंगा। देवेन्द्र कुमार ठाकुर। जिले के हनुमाननगर अंचल क्षेत्र के कई पंचायत व गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। जिसके कारण हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित होकर अपना-अपना घर छोड़कर ऊँचे स्थान तथा लहेरिया सराय-समस्तीपुर मुख्य पथ पर सड़क के किनारे पषुओं को लेकर विस्थापित बने हुए हैं। परन्तु इन विस्थापित लोगो के बीच सरकारी सहायतार्थ नदारद हैं। 

 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार हनुमाननगर प्रखंड में सरकारी व निजी 43 नावों को चलाने की दाबा की जा रही हैं। परन्तु डीलाही पंचायत के नदरिया-मखनाई, काली डीलाही, नरसरा, विषनपुर आदि दर्जनों गांव ऐसे हैं जहाँ न-तो सरकारी नावे चलायी जा रही हैं, न-ही निजी नावों की व्यवस्था हैं जिससे विस्थापित लोग बाढ़ के पानी में पाव पैदल चलकर घर से निकलने पर मजबूर हैं। जबकि नरसरा विषनपुर पंचायत चारों ओर से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ हैं। जिसमें इस पंचायत के गांव सहित मदरसा, मध्य विद्यालय में 7 से 8 फीट बाढ़ का पानी घुसा हुआ हैं और गांव से जोड़ने वाली सारा सड़क डूब चूका हैं। लोग नाव के अभाव में पानी में तैरकर अपने बचाव के लिए सड़क पर आते हैं। 
 
दूसरी ओर सड़क के किनारे विस्थापित मखनाई गांव के चन्दर पासवान, पूरन पासवान, रासो दवे, बिरजू पासवान ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि अंचल से कुछ विस्थापितों को प्लास्टिक शीट मुहैया करायी गयी और कुछ को नही। जिसके कारण बाजार से स्वयं प्लास्टिक शीट खरीद कर धूप, पानी से बचने के लिए सड़क किनारे विस्थापित हैं। रही राहत सहाय्य तो अभी तक विस्थापित लोगो के बीच न तो 6 हजार रूपये दिये गये, न-ही किसी प्रकार की राहत सामग्री ही दी गयी हैं। मुठ्ठी भर चूड़ा, गुड़ स्वयं सेवी संस्था के द्वारा अवष्य ही वितरण की गयी हैं। जबकि हनुमाननगर अंचल कार्यालय से आकड़ा दी गयी कि पूरे हनुमाननगर अंचल में 85 कम्युनिटी सेन्टर चलायी जा रही हैं। वैसे तो नरसारा, उघरा, डीलाही आदि में कम्युनिटी सेन्टर चल रही हैं। परन्तु वहां भी र्प्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था नही चल रही हैं।
 
 इतना ही नही उघरा पंचायत में जो जिला प्रषासन के द्वारा कम्युनिटी सेन्टर चलायी जा रही हैं। वो तो स्वयं बाढ़ के पानी में डूब चुका हैं उसके प्रागंण में लगभग चार से पांच फीट बाढ़ का पानी लगा हुआ हैं। जिसमें लोग विद्यालय के दीवाल तथा लाठी के सहारे पानी में पांव पैदल चलकर भोजन खाने के लिए जाना पड़ रहा हैं। खासकर गांव के छोटे-छोटे बच्चे भी पानी में पांव पैदल चलकर खाने के लिए जाते हैं। वैसे सूत्रों से ज्ञात हुआ हैं कि इस गंभीर स्थ्ति को देखने के बाद जिला प्रषासन के द्वारा कम्यूनिटी सेन्टर को बदलाव करने का निर्देष जा चूका हैं। वैसे हनुमाननगर अंचल को बाढ़ ने पूर्णतः अपने आगोष में ले चूका हैं। परन्तु बाढ़ प्रभावित लोगो के लिए सहायतार्थ के नाम अंचल प्रषासन की ओर से लूज-पुज व्यवस्था देखी जा रही हैं।
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