बिहार
पानी की किल्लत हुई तो पारंपरिक जल स्रोतों की याद आई, दरभंगा में 1901 में बने कुएँ की सफाई एवं उड़ाही कार्य प्रारंभ
By Deshwani | Publish Date: 9/6/2019 8:35:07 PMदरभंगा के ओपी मिलन चौक पर कुएँ का साफ-सफाई करते हुए बुजुर्ग व अन्य। फोटो-देशवाणी।
दरभंगा। अब्दुल कलाम गुड्डू राज।
पानी की की किल्लत हुई तो लोगों को तो पुराने जल स्रोतों की याद आई। पुराने जमाने में लोग कुंए व तालाब खोदवाते थे। जिससे जमीन में पानी का लेयर बरकरा रहता था। दरभंगा में यह बात अब लोगों को समझ में आने लगी। वह भी जब लोग पीने के पानी को बंूद-बूद तरसने लगे।
पीने के पानी की कमी से परेशान स्थानीय लोगों ने कोतवाली ओ पी मिलान चौक के बीच 120 वर्षो से भी अधिक पुराने कुएँ की सफाई, उड़ाही करना प्रारंभ कर दिया हैं। इसमें वार्ड नम्बर 21 एवं वार्ड नम्बर 25 के दर्जनों लोग श्रमदान कर रहे हैं।
बताया जाता हैं कि दरभंगा के 1901 ईस्वी के नक्शे में यह कुंआ हैं। बुज़ुर्ग बताते हैं कि साठ के दशक तक इसी कुएं के पानी से लोग खाना बनाते थे और पीते थे। अन्य कार्य के लिए लाल पोखर के पानी का उपयोग करते थे। अस्सी के दशक तक इसके पानी का उपयोग नहाने, कपड़ा इत्यादि धोने के काम तथा शादी विवाह में विधि विधान के कार्य तक में उपयोग में किया जाता था। चापाकल, फिर मोटर युग में लोग इसे भूलते गए। लेकिन इस बार पानी की किल्लत ने इस पारंपरिक जल स्रोत के महत्व की याद दिलाई। दर्जनों लोगों ने इसकी सफाई में शनिवार से हाथ लगाया। वार्ड 25 की पार्षद शाहिदा तरन्नुम एवं 21 की पार्षद मधुबाला सिन्हा भी इसमें सहयोग कर रही हैं।