ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगातदेश की संस्कृति का प्रसार करने वाले सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर को प्रधामंत्री ने संर्जक पुरस्कार से सम्मानित किया'दंगल' फेम सुहानी भटनागर की प्रेयर मीट में पहुंचीं बबीता फोगाट
बिज़नेस
यू.एस.-चीन ट्रेड वॉर की वजह से भारत जारी रख सकता है ईरान से तेल आयात
By Deshwani | Publish Date: 19/8/2018 12:14:37 PM
यू.एस.-चीन ट्रेड वॉर की वजह से भारत जारी रख सकता है ईरान से तेल आयात

नई दिल्ली। अमरीका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वॉर की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट मिल सकती है। हो सकता है कि 4 नवम्बर से यू.एस. के प्रतिबंध लागू होने के बाद भी भारत ईरान से कच्चा तेल आयात करता रहे। दरअसल चीन के ऑयल इंपोर्टर यूनिपेक ने यू.एस. शिपमैंट को रोक दिया है। 

कहा जा रहा है कि चीन अमरीका के कच्चे तेल पर भी आयात शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है। हालांकि चीन ने पिछले सप्ताह शुल्क की जो लिस्ट जारी की है उसमें कच्चा तेल शामिल नहीं था। जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कुछ शिप रास्ते में थे और रिफाइनर्स के साथ उनका सौदा पहले से हो चुका था। दूसरे कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि चीन अमरीका से सौदेबाजी करके सस्ती कीमतों में तेल खरीदना चाहता है।
 
उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि दोनों ही स्थितियां भारत के लिए फायदेमंद हैं। चीन एशिया में सबसे बड़ा तेल आयातक है और ईरान का भी बड़ा ग्राहक है। भारत ईरान से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। रिफानिंग कम्पनियों के अधिकारियों के मुताबिक अगर चीन यू.एस. से तेल नहीं खरीदता है तो उसका बड़ा आयातक भारत बचेगा। ऐसे में भारत 5-6 प्रतिशत आयात बढ़ा सकता है। ऐसे में भारत के पास अमरीका से अपनी शर्त मनवाने का मौका होगा और प्रतिबंधों को लेकर भी अपनी बात मनवाई जा सकती है।
 
 
उन्होंने कहा कि अमरीका के खिलाफ  इसी सौदेबाजी का उपयोग करके चीन भी ईरान से तेल खरीदना जारी रख सकता है। इसका मतलब जब तक बाजार में ईरान का तेल रहेगा, कीमतें भी सीमित रहेंगी। इससे प्रतिबंधों का असर भी कम हो जाएगा। 2010 से 2011 तक सऊदी अरब के बाद ईरान भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर था लेकिन अमरीका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद यह 7वें स्थान पर चला गया था। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS