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12000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में, बंद होने वाली है ये कंपनी
By Deshwani | Publish Date: 20/4/2018 1:58:37 PM मुंबई। देश की बड़ी कंपनी आलोक इंडस्ट्रीज के लगभग 12,000 परमानेंट कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। कर्ज के बोझ तले दबी आलोक इंडस्ट्रीज बिकने के कगार पर है। बैंकरप्सी कोड लागू होने के बाद से यह नौकरी जाने का सबसे बड़ा मामला हो सकता है। कंपनी की 2016-17 की वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार जिन कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा है उनकी औसतन सालाना सैलरी करीब 1.45 लाख रुपए प्रति कर्मचारी है।
कॉरपोरेट प्रॉफेशनल्स के पार्टनर और हेड एंड इनसॉल्वेंसी सर्विस), मनोज कुमार ने कहा, ‘रेजॉलूशन प्लान पर विचार करते समय लेंडर्स सिर्फ रिकवरी के पहलू को देख रहे हैं। अगर उन्हें लगता है कि ऑफर उनकी उम्मीद के अनुसार नहीं है तो वे रेजॉलूशन प्लान को स्वीकार करने से मना कर देते हैं और कंपनी लिक्विडेशन में चली जाती है। लेंडर्स को अपने व्यावसायिक हित की सुरक्षा करनी चाहिए लेकिन इसके साथ ही उन्हें एक चलती हुई कंपनी के लिक्विडेशन से होने वाले नुकसानों पर भी विचार करना चाहिए।’
आलोक इंडस्ट्रीज के पास 31 मार्च 2017 तक 11,759 फुल-टाइम कर्मचारी थे। कंपनी के कुल कर्मचारी की संख्या लगभग 18,000 थी। 2016-17 के वित्तीय वर्ष में कंपनी ने कर्मचारियों की सैलरी पर 283.31 करोड़ रुपए खर्च किए थे। कंपनी के लिक्विडेशन से बड़ी संख्या में छोटे वेंडर्स और सर्विस प्रवाइडर्स को भी नुकसान होगा।
आलोक इंडस्ट्रीज उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है जिनके बैंकरप्सी प्रोसीडिंग में जाने के बाद रेजॉलूशन प्रफेशनल ने कई बार रेजॉलूशन प्लान मंगाए हैं। इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत लगभग 80 कंपनियां पहले ही लिक्विडेशन में जा चुकी हैं। इसके साथ ही इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग का सामना कर रही 100 से अधिक कंपनियां लिक्विडेशन में जाने के कगार पर हैं।