मुम्बई, (हि.स.)। गैर निष्पादन संपत्तियों (एनपीए) के भारी बोझ तले दबे सरकारी क्षेत्र के बैंक आईडीबीआई बैंक ने अपनी गैर कोर परिसंपत्तियों को बेचने का फैसला किया है। इसके तहत बैंक ने एनएसडीएल के ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एनईजीआईएल) में 30 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है।
बैंक ने मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर यह जानकारी दी। बैंक ने इस जानकारी में बताया कि यह फैसला हमारी उस नीति के तहत है, जिसमें हम अपने गैर कोर व्यवसाय को बेचना चाहते हैं। एनएसडीएल डिपोजिटरी का काम करती है। आईडीबीआई बैंक ने बताया कि बैंक के निदेशक मंडल ने एनईजीआईएल में अपने 1,20,00,000 इक्विटी शेयरों को बेचने का फैसला किया है, जो 30 फीसदी हिस्सेदारी है।
बतादें कि पिछले महीने ही आईडीबीआई बैंक के निदेशक मंडल ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 1.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया था और उसके बाद अब एनएसडीएल में हिस्सेदारी बेचने की जानकारी दी है। बैंक ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अपने नौ लाख इक्विटी शेयरों को जो चुकता पूंजी के दो फीसदी के करीब हैं, उन्हें एलआईसी को 30 मार्च 2016 को बेच दिया था।
इस तरह से देखा जाए तो बैंक लगातार उन व्यवसायों या परिसंपत्तियों को बेच रहा है, जहां उसकी दिलचस्पी नहीं है। इस कारण बैंक को जो पूंजी मिल रही है उससे उसकी बैलेंसशीट में थोड़ा सुधार होने की गुंजाइश है। बैंक पहले से ही किंग फिशर सहित तमाम खातों के एनपीए होने की वजह से हर तिमाही में घाटा पेश कर रहा है। कुछ बड़े खातों के एनपीए होने से बैंक की बैलेंसशीट में एनपीए का हिस्सा काफी ज्यादा बढ़ गया है। बैंक का कुल एनपीए सितम्बर तिमाही में बढ़कर 24.98 फीसदी पर पहुंच गया, जबकि इसका घाटा बढ़कर 198 करोड़ रुपये हो गया है।