रक्सौल।अनिल कुमार। सभ्यता नगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का समापन सोमवार को हवन के साथ हो गया। कथा पंडाल में अन्य दिनों से भक्तो की ज्यादा भीड़ थी।कथा प्रारंभ के पूर्व यज्ञ में पूर्णाहुति की आहुतियां यजमानों द्वारा दी गई। आयोजित इस साप्ताहिक भागवत कथा में आचार्य शैलेश तिवारी ने श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करवाया।
अंतिम दिन आचार्य ने भागवत कथा में भाग लेने वाले सभी धर्म प्रेमियों का आभार जताया और कहा कि भागवत कथा का होना, बरसात का होना, श्री कृष्ण, राम नाम के उच्चारण का पाठ होना, यज्ञ-हवन होना ये बड़े ही सुकर्मो से होता है और ऐसे आयोजन कोई खास ही धर्म प्रेमी करवाते हैं और जो लोग ऐसे आयोजनों में भाग लेते है वो बडे़ ही भाग्यशाली होते है। आचार्य ने कहा कि जिन लोगों ने भागवत कथा में रसपान कि उनके सारे पाप खत्म हो गए है और वो आगे से सुख के भागी बन गए है।उन्होंने ये भी कहा कि भक्ति से ही जीवन का कल्याण होता है इस लिए आडंबर के बगैर भगवान की भक्ति करना चाहिए। कथा के अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण कथा सुदामा के मित्र की कथा सुनाते हुए कहा मित्र वही है जो सुख-दुख में काम आए। मित्रता का सच्चा उदाहरण कृष्ण और सुदामा का है। श्रीमद भागवत कथा ज्ञान का भंडार है। इससे सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। यज्ञ आचार्य शैलेश तिवारी ने यजमानों से पूर्णाहुति की आहुति दिलाई।
इस मौके पर कथा के आयोजक विजय कुमार,राजेश कुमार पांडेय,आनंद कुमार,सुजीत कुमार,बासुकीनाथ तिवारी,गिरधारी सिंह,सुरेंद्र प्रसाद केसरी,राकेश कुमार,सुधीर कुमार मिश्रा हरिकिशोर प्रसाद सहित सैकड़ों धर्म प्रेमी मौजूद थे।इस अवसर पर आचार्य शैलेश तिवारी द्वारा आयोजक समिति के सदस्य,प्रबुद्ध जन,एवं पत्रकारों को सम्मानित किया गया।।