बिहार विश्वविद्यालय का प्रदेश स्तर पर प्रतिनिधित्व करने पर रविकांत पांडे को प्राचार्य ने दी बधाई
मोतिहारी। बिहार सरकार, स्वास्थ्य विभाग, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, यूनिसेफ के द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला पटना स्थित होटल पानाचे में आयोजन दिनांक 17 से 18 सेप्टैंबर को किया गया। उक्त कार्यक्रम में बिहार विश्वविद्यालय के 10 एनएसएस वालंटियर्स ने भाग लिए। इस कार्यशाला में पूरे बिहार से हर जिले से 1 छात्र एवं 1 छात्रा का चयन किया गया था। मोतिहारी से 2 वालंटियर्स का चयन होना था। एलएनडी कॉलेज के और से एनएसएस टीम लीडर रविकांत पांडे को उक्त कार्यक्रम के लिए चयन किया गया। एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी प्रोफेसर दुर्गेश मणि तिवारी ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में एलएनडी कॉलेज की ओर से वॉलिंटियर्स का पार्टिसिपेट करना कॉलेज के लिए गर्व का विषय है क्योंकि पूरे मोतिहारी से सिर्फ 2 ही वालंटियर्स को चयन किया जाना था एवं उनका चयन का उनका योगदान कितना है यही था। उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय स्तर पर एलएनडी कॉलेज को रिप्रेजेंट करना गर्व का विषय है। प्रचार्य प्रो. डॉ. अरुण कुमार ने हर्ष ब्यक्त करते हुए एनएसएस टीम लीडर को शुभकामनाएं दिए एव महाविद्यालय के नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किये। इस कार्यशाला में बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे के द्वारा कार्यशाला का उद्घाटन किया गया एवं उनके द्वारा भी कार्यशाला में विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई जिसमें मुख्य था एड्स एचआईवी से ग्रसित लोगों को किस तरीके से उनके साथ रहना है, किस तरीके के उनके साथ व्यवहार करना है ईस बारे में विस्तार से उन्होंने बताया एवं साथ ही हम साथी एप्स का लांच किया गया।
इस कार्यशाला में विश्विद्यालय टीम का प्रतिनिधित्व करने एवं प्रशिक्षण रहने में अग्रणी होने पर रविकांत पांडे को सर्टिफिकेट एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया जिसको लेकर एलएनडी कॉलेज के प्राचार्य एवं कॉलेज कर्मचारीगण ने हर्ष व्यक्त किया एवं प्रदेश स्तर पर कॉलेज का नाम रोशन करने के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दिया।
इस दो दिवसीय कार्यशाला में बताया गया की एड्स को एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है। एचआईवी का मतलब है ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस कहलाता है. यह व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बनाकर उसके रक्त को सफेद पानी में बदल देता है. कैसे फैलता है एड्स इस बारे में जानकारी दी गया। क्या हैं एड्स से बचाव के तरीके इसके बारे में भी समझाया गया। शरीर में वायरस के ज्यादा हावी होने के इसे कंट्रोल करना काफी मुश्किल हा जोता है. एड्स के उपचार में एंटी रेट्रोवाइरल थेरपी और दवाइयों का उपयोग किया जाता है. इन दवाइयों का मुख्य उद्देश्य एचआईवी के प्रभाव को काम करना, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना और अवसरवादी रोगों को ठीक करना होता है. लेकिन आए दिन इसे लेकर कई अभियान चलाए जाते हैं जिनमें बताया जाता है कि एड्स से सुरक्षा ही एड्स का इलाज है. इसी कड़ी में
प्रण लिया गया कि बिहार को एड्स मुक्त करना है जिसमें यहाँ की युवाओ को अधिक से अधिक जोड़ना है। HIVAIDS हमसाथी एप्प्स लांच की गई, जिस एप्प्स के माध्यम से लोग जागरूक हो सके, एड्स को हराना है, बिहार को जितना है। इस कार्यशाला में स्मृति चिन्ह मोमेंटो एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।