लापरवाह अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की दी चेतावनी
सिकरहना: जनप्रतिनिधि अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए सात निश्चय योजना को धरातल पर गति दे। उक्त बातें जिलाधिकारी रमन कुमार ने शुक्रवार को बाबा मस्त राम इंटर काॅलेज परिसर में चिरैया प्रखंड में सात निश्यच योजना की समीक्षा के दौरान कही। उन्होने जनप्रतिनिधियों को अगाह करते हुए कहा कि सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं को समय सीमा के अन्दर पूरा करे। कार्य में रूचि नही है तो पद का त्याग करे।
समय सीमा के अन्दर कार्य पूरा नही हुआ तो दोषी अधिकारी, कर्मचारी एवं जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई तय है। जिलाधिकारी ने सात निश्चय योजना के तहत नल जल योजना, कच्ची गली नाला योजना, इंदिरा आवास, स्वच्छता अभियान, बाढ पूर्व तैयारी में तटबंध की सुरक्षा, वृक्षा पेंशन योजना, आरटीपीएस योजना, स्वच्छता अभियान के तहत शत प्रतिशत शौचालय निर्माण सहित अन्य विषयों पर गहन समीक्षा की।
समीक्षा के द्वारा बेहतर परिणाम देखने को नही मिलने पर अधिकारी ने संबंधित अधिकारी को अगाह करते हुए कहा कि एक सप्ताह के अन्दर कार्य संतोष जनक नही मिलने की स्थिति में कार्रवाई किया जायेगा। डीएम ने एक समाचार पत्र में प्रकाशित जापान में एक कर्मचारी के घटना क्रम की चर्चा करते हुए कहा कि 3 मिनट पहले कार्य से गायब होने के लिए सर्वोच्च सदन के वरिय अधिकारी ने सदन से माफी मांगी। उन्होने कहा कि बेहतर शोच का बेहतर परिणाम मिलता है। उन्होने कहा कि गड़बड़ी को दूर करने के लिए कई अधिकारी एवं कर्मचारियों को ताबादला किया गया है।
नल जल योजना
नल जल योजना की समीक्षा के दौरान कई वार्ड सदस्यों के द्वारा राशि प्राप्त किये जाने के बाद कार्य शुरू नही करने, कई पंचायत के पंचायत सचिव के द्वारा राशि का हस्तनान्तरण नही करने। जनप्रतिनिधि द्वारा एक दुसरे को आरोपित करने एवं अधिकारी को कटघेरे में खड़ा किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि समय सीमा के अन्दर मुखिया या वार्ड सदस्य के द्वारा कार्य पूरा नही किया जाता है तो उन्हे पदच्युत की कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी।
50 प्रतिशत ओडीएम मुक्त वार्डो में राशि की जायेगी विमुक्त
जिलाधिकारी ने स्वच्छता अभियान की सफलता पर बल देते हुए कहा कि 50 प्रतिशत ओडीएम कार्य पूरा करने वाले वार्ड को राशि विमुक्त किया जायेगा। उन्होने जनप्रतिनिधि से मानक अनुरूप शौचालय निर्माण कराने पर बल देते हुए कहा कि बीडीओ जांच कर राशि विमुक्त करे। उन्होने समीक्षा के दौरान अबतक 3 लाभुक को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि मिलने पर नाराजगी जाहिर की।
इंदिरा आवास योजना
इंदिरा आवास योजना की समीक्षा में व्यापक स्तर पर कमियां देखने को मिला। दो वितीय वर्ष में महज 1000 हजार लाभुकों का चयन, द्वितीय एवं तृतीय किस्त के भुगतान में विलंब पर नव प्रतिनियुक्त आवास सहायकों जिम्मेवारी देते हुए कहा कि स्थलीय जांच कर योजना को गति दे।
बाढ़ पूर्व तैयारी को ले दिये कई निर्देश
अधिकारी ने बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा की। जनप्रतिधियों से सिकरहना नदी से होने वाले खतरों से जानकारी ली। इस दौरान मिश्रौलिया, खड़तरी के जनप्रतिनिधियों ने तटबंध के सुरक्षा पर कई सवाल खड़ा किये। अंचलाधिकारी को बाढ़ पूर्व गभर्वती महिलाओं की सूची बाल विकास परियोजना को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वहीं स्वास्थ्य केन्द्र पर जीवन रक्षक दवाईयां एवं वैक्सीन का स्टाॅक संधारण करने का निर्देश दिया। सीओ को निर्देश दिया कि पूर्व के अनुसार सामाग्रियों, नाव परिचाल एवं अन्य सामाग्रियों के लिए जिला में डिमांड भेजने का निर्देश दिया।
रासन कार्ड की हुई समीक्षा
रासन कार्ड की समीक्षा किया गया। इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि कई ऐसे गरीब परिवार है जिनका नाम रासन कार्ड है लेकिन कार्ड जारी नही किया गया। कई ऐसे लाभुक है जिनका नाम है पर रासन आज तक नही मिलता है। आरटीपीएस काउन्टर पर रासन कार्ड के लिए करीब 15 हजार आवेदन प्राप्त किये गये है लेकिन आज तक महज 4 लोगों को कार्ड जारी किया गया है। अधिकारी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि समय सीमा के अन्दर इस कार्य को पूरा करने के लिए एसडीओ को निर्देशित किया।
41 राजस्व में 6 गांव का दाखिल खारिज का कार्य हुआ पूरा
सरकार द्वारा दाखिल खारिज करने के लिए तैयार किये जाने वाले आॅनलाईन पाॅटल के लिए 41 राजस्व गांव में महज 6 गांव का दाखिल खारिज की प्रक्रिया को पूरा किया जा सका है। इस मामले को लेकर जिलाधिकारी ने सीओ सहित राजस्व कर्मचारी को रेडार पर लेते हुए कहा कि कार्य में तेजी लाये अन्यथा कार्रवाई तय है।
बैठक में इनकी रही उपस्थिति
डीएम के अलावा एसडीओ ज्ञान प्रकाश, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी शिवशंकर पासवान, सहायक विद्युत अभियंता चन्दन कुमार, बीडीओ सीओ मो. रेयाज साहिद, चिकित्सा पदाधकारी डा. श्याम पासवान, पशु चिकित्सा पदाधिकारी नरेन्द्र कुमार, आपूर्ति पदाधिकारी मुकेश कुमार विश्वकर्मा, ओडीएफ प्रभारी के अलावा मुखिया, वार्ड सदस्य, राजस्व कर्मचारी, पंचायत सचिव, आवास सहायक, कृषि सलाकार सहित प्रखंड के तमाम जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल रहे।