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बिहार
पुलिस के लिए चुनाैती बना अमित अपहरणकांड, गिरफ्तारियां भी नहीं हटा पा रही राज से पर्दा
By Deshwani | Publish Date: 16/12/2017 8:28:49 PM
पुलिस के लिए चुनाैती बना अमित अपहरणकांड, गिरफ्तारियां भी नहीं हटा पा रही राज से पर्दा

- पुलिस कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं, जीवित हैं या हो गया कत्ल, इसपर भी सस्पेंस


मोतिहारी । देशवाणी न्यूज नेटवर्क


मोतिहारी के 35 वर्षीय व्यवसायी अमित कुमार के अपहरण की गुत्थी सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। कहने को तो पुलिस इस मामले में एक महिला समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर मामले की तह तक पहुंचने की बात कह रही है, मगर लाख टके का सवाल यह है कि आखिर अमित का सुराग क्यों नहीं मिल पा रहा। उनको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। अगर वे जीवित हैं तो पुलिस उनको ट्रेस क्यों नहीं कर पा रही और अगर कत्ल हो चुका है तो लाश कहां हैं?
बता दें कि पिछले 28 नवंबर को घटी इस आपराधिक घटना ने पुलिस को उलझन में डाल रखा है। इस मामले में जांच के दौरान पुलिस को हर दिन नए संकेत मिल रहे हैं। मगर अभी भी पुलिस की हालत नौ दिन चले ढाई कोस जैसी है। सबसे अहम सवाल की पुलिस इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, अगर वाकई वे इस केस से जुड़ी मजबूत कड़ी हैं, तो उनसे अमित के लोकेशन का राज पुलिस अब तक क्यों नहीं उगलवा पाई। या अब भी पुलिस सिर्फ हवा में गोले छोड़ रही है। दरअसल, इस अपहरण की घटना में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। पुलिस अभी कुछ और लोगों के गिरफ्तारी की बात कर रही है।
वहीं, अमित के अपहरण मामले में गिरफ्तार महिला पर शक गहराने के कई कारण भी सामने आ रहे हैं। अंजलि की दो शादियां हुई हैं जिसमें इसकी दूसरी शादी पेशे से होमगार्ड 45 वर्षीय लालबाबू सिंह से हुई है। लालबाबू का भी आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। होमगार्ड लालबाबू सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इधर, पुलिस की मानें तो अंजलि सिंह अपनी कार अमित के दुकान पर बनवाने गई थी। उस समय चार हजार रुपए अंजलि को देने थे लेकिन दो हजार रुपये दे पाई। अंजलि ने दो हजार रुपये वापस देने की बात पर अपना मोबाइल नंबर अमित को दिया था। वहीं से दोनों की बातचीत होने लगी थी। जब यह बात लालबाबू को पता चली तो उसे नागवार गुजरी।
वहीं, पुलिस की मानें तो लालबाबू गुस्से में आकर अमित को नुकसान पहुंचाया होगा। रोचक बात यह है कि अपहरण के दिन अमित को अंतिम फोन अंजलि का ही आया था। सवाल फिर वहीं िक अगर इस घटना में लालबाबू व अंजलि का ही हाथ है, तो िफर अमित के बारे में उनसे कुछ क्यों नहीं उगलवा पा रही।

प्रेम-प्रसंग का मामला तो नहीं

बेतिया एसडीपीओ संजय कुमार झा ने बताया कि अंजलि ने अमित से जान पहचान की बात स्वीकारी है। यह मामला प्रेम-प्रसंग की तरफ इशारा कर रहा है। झा ने बताया कि अभी कुछ लोगों की और गिरफ्तारी होनी है। अपहरण का मामला दो दिसंबर को दर्ज किया गया था। मामले में गिरफ्तार अविनाश चन्द्र यादव पर्वतीया टोला और ननकी उतरवारी पोखरा बेतिया निवासी है। ननकी पर पहले से भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। बता दें कि मोतिहारी निवासी अमित कुमार 28 नवम्बर 2017 को घर से दुकान के लिए निकले थे, लेकिन घर वापस नहीं आए। अमित के छोटे भाई राकेश ने चार दिन बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इस पूरे प्रकरण में अंजलि नामक महिला की भूमिका संदिग्ध है। उसकी दो शादियां भी हो चुकी हैं। बेतिया पुलिस की मानें तो महिला का आपराधिक इतिहास भी रहा है और महिला पुलिस की जांच के घेरे में है।


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