राष्ट्रीय
कांग्रेस हमेशा बहस से भागती रही है- भाजपा
By Deshwani | Publish Date: 21/11/2017 5:41:43 PM नई दिल्ली, (हि.स.)।
संसद का शीतकालीन सत्र न बुलाए जाने को मुद्दा बनाए जाने पर आज भाजपा ने फिर प्रतिक्रिया दी। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस संसद का शीतकालीन सत्र देरी से बुलाए जाने की संभावना पर बेकार का विलाप कर रही है। ऐसा अनेक बार हुआ है कि कुछ कारणों से संसद के सत्रों को आगे-पीछे किया जाता रहा है। इसमें कोई नहीं बात नहीं है। 2008 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावों को देखते हुए संसद के सत्र का समय निश्चित किया गया था। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। इसी के साथ रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह यह घोषणा करे, आश्वासन दे कि उनकी अध्यक्ष और होने वाले अध्य़क्ष सहित कांग्रेस के सभी सदस्य सदन में रहेंगे और ईमानदारी से बहस का हिस्सा बनेंगे तो हम जल्द से जल्द संसद का सत्र बुलाने की संभावनाएं तलाशेंगे। पर अब तक का इतिहास बताता है कि कांग्रेस हमेशा बहस से भागती रही है। उसका काम केवल कुछ मुद्दों पर हंगामा मचाना रहा है।
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार की सुबह सरकार पर बोले गए तीखे हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सदन में पिछले कार्यकाल में मात्र 43 प्रतिशत थी। इस कार्यकाल में कुछ सुधार हुआ और अब राहुल की उपस्थित 54 प्रतिशत है। इतना ही नहीं, उपस्थिति दर्ज कराकर राहुल गांधी सदन से अक्सर गायब हो जाया करते रहे हैं। ऐसे में वे और उनकी पार्टी संसद का सत्र बुलाए जाने को इतना तूल क्यों दे रहे हैं। दरअसल उनकी मंशा कोई योजना या कार्यक्रम पर बहस करना नहीं है बल्कि ये लोग कुछ झूठे आरोपों पर हंगामा मचाकर चुनावों में उसका लाभ उठाने की मंशा पाले हुए हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि उन्हें सदन में बहस का अवसर नहीं मिल रहा है, वे गुजरात में पुराना रुदन राग ही गा रहे हैं। यह वही राग है जो साइकिल पर सवार होकर यूपी के दो लड़के गाया करते थे। इसके बावजूद यूपी कांग्रेस के विधायकों की संख्या 7 पर ही सिमट गई, जबकि 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 325 सदस्य चुने गए। उस सबक के बाद भी कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कोई सबक नहीं सीखा। वे अभी भी नोटबंदी और जीएसटी का रुदन राग गा रहे हैं।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना ‘ब्रह्मा’ से किए जाने कर रविशंकर प्रसाद न कहा कि यह उनका हल्कापन है। प्रसाद का कहना था कि मोदी देश के प्रधानसेवक हैं।