पटना, (हि.स.) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को यहां अंगदान की पेशकश की। उन्होंने कहा कि अंगदान बहुत बड़ा सामाजिक अदभुतकार्य है। सबलोगों को इससे जुड़ना चाहिये, मैं भी इसका पक्षधर हूॅ। मुझसे अंगदान के लिये जिस फाॅर्म पर हस्ताक्षर कराना है, करा लीजिये। आप जीवित नहीं रहेंगे, फिर भी याद किये जायेंगे। अंगदान का यह अभियान विलक्षण अभियान है । हम इसकी प्रशंसा एवं समर्थन करते हैं। इसके लिये सरकार की तरफ से जो भी किया जाना है, उसकी कोशिश करेंगे। शराबबंदी की तरह अंगदान के लिये भी अभियान चले।
मुख्यमंत्री रविवार को यहां विद्यापति भवन में अन्तर्राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर दधीचि देहदान समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय अंगदान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन प्रशंसनीय कार्य है । दधीचि देहदान समिति द्वारा अंगदान के लिये निरंतर प्रयास किया जा रहा है। ब्रेन डेथ घोषित करने की सारी व्यवस्था आई.जी.आई.एम.एस. में की जा चुकी है। हम इस क्षेत्र में और भी आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल काॅलेजों में आई बैंक की स्थापना की जायेगी। राज्य में सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल बनाये जा रहे हैं। राजेन्द्र नगर के अस्पताल को आई सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है, वहाॅ भी आई बैंक की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गाॅधी आयुर्विज्ञान संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांटेशन की शुरुआत की जा चुकी है। जल्द ही यहाॅ लिवर ट्रांसप्लांटेशन भी शुरू हो जायेगा। इस कार्यक्रम में डाॅ0 सुभाष ने बताया कि काॅर्निया से किस तरह फायदा पहुॅचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेज में अध्ययनरत छात्रों को भी मानव शरीर की आवश्यकता अध्ययन करने के लिये होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के सभी मुद्दों पर कार्य किया जा रहा है। 2005 में जब पहली बार हमारी सरकार बनी थी, तब स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबर्दस्त कार्य किया गया था। जनवरी 2006 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक महीने में मात्र 39 लोग इलाज के लिये आते थे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुधार किया गया। अस्पतालों में मरीजों के लिये मुफ्त दवा योजना की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के हाथों से करायी गयी थी, इससे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, लोगों में भरोसा बढ़ा। नवम्बर 2006 में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक महीने में इलाज के लिये आने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 2500 से ज्यादा हो गयी थी। आज हर महीने औसतन 11 हजार मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इलाज के लिये आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब मरीजों को इलाज के लिये राज्य सरकार सहायता भी देती है। मरीजों को मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से इलाज के लिये राशि दी जाती है। मरीजों को दी जाने वाली राशि में भी बढ़ोतरी की गयी है। साथ ही इसमें और बीमारियों को शामिल किया गया है। हमारा लक्ष्य है कि कोई बेहतर इलाज के लिये अपने मन से बाहर जाना चाहे, वह अलग बात है परंतु मजबूरी में किसी को बिहार से बाहर इलाज कराने के लिये नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, कल्याण ये सभी हमारी प्राथमिकता है।
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा जिलाधिकारी पटना संजय कुमार अग्रवाल, अंगदान के लिये विभिन्न उत्प्रेरक, नेत्रदान करने वाले परिवार, नेत्र बैंकों तथा इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को पुरस्कृत किया गया। विधायक संजीव कुमार चैरसिया, पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद, महापौर श्रीमती सीता साहू, एडिशनल साॅलिसिटर जेनरल एसडी संजय, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, दधीचि देहदान समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।