रांची। प्रतिबंधों में ढील एवं पड़ोसी राज्यों से आवागमन में हो रही बढ़ोतरी का असर राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रसार पर दिखने लगा है। बिहार, यूपी और बंगाल से सटे जिलों में कोरोना संक्रमण की दर में काफी वृद्धि हुई है। हाल में दुमका और बेरमो में हुए उपचुनाव का असर भी कोरोना संक्रमण पर दिख रहा है। हालांकि, ओवरऑल देखें तो झारखंड में संक्रमण की रफ्तार काफी कम हो गई है। पिछले सप्ताह (2-8 नवंबर) जहां राज्य में 2355 मरीज मिले थे। बीते सप्ताह (9-15 नवंबर) को मरीजों की संख्या घटकर 1622 हो गई। राज्य के संक्रमण दर में मामूली (0.01 प्रतिशत) कमी भी आई है। बावजूद इसके राज्य के सीमावर्ती जिलों में संक्रमण दर में इजाफा हुआ है।
पलामू,गढ़वा, पाकुड़, गिरिडीह, देवघर बोकारो समेत राज्य के 11 जिलों में पॉजिटिविटी रेट बढ़ी है। सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले सप्ताह (2-8 नवंबर) की तुलना में बीते सप्ताह (9-15 नवंबर) इन जिलों में जांच की संख्या में काफी कमी हुई है, बावजूद इसके मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह से संक्रमण की दर में इजाफा दिख रहा है। जिन 11 जिलों में संक्रमण में इजाफा हुआ है उनमें पाकुड़, दुमका, गिरिडीह, गढ़वा, देवघर, पलामू, बोकारो, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, के अलावा रामगढ़ और लोहरदगा शामिल हैं। इनमें रामगढ़ और लोहरदगा को छोड़ दें तो नौ जिले सीमावर्ती हैं। इन जिलों में पाकुड़, दुमका, गिरिडीह, देवघर, बोकारो और पलामू बिहार से सटे जिले हैं। धनबाद और पूर्वी सिंहभूम बंगाल के जबकि गढ़वा उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती जिला है। दुमका व बोकारो में जहां उपचुनाव को लेकर बीते सप्ताह में काफी सरगर्मी थी। यह भी संक्रमण बढ़ने की एक वजह हो सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन जिलों में पिछले सप्ताह की तुलना में बीते सप्ताह में जांच में काफी कमी आइ है लेकिन मरीजों की संख्या और पॉजिटिविटी बढ़ी है।